शहर में इंजेक्शन लगाकर नशा ड्राफ्ट करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है वर्तमान स्थिति की बात करें तो अभी 331 जो इस नशे के आदी हो चुके हैं उनका इलाज ओ पिया सब्सीट्यूशन थेरेपी ओ एस टी सेंटर पर किया जा रहा है इनमें करीब 20 बच्चे हैं चिंताजनक तो यह है कि इनमें से 27 मरीजों की मौत पिछले 1 साल में हो चुकी है इस सेंटर के अलावा शहर में 9 और नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन सामाजिक न्याय विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है इन सेंट्रल में 600 से ज्यादा बच्चे और बड़ों को रखकर नशे से मुक्ति दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं जबकि शहर में एक अनुमान के मुताबिक सवा लाख से भी ज्यादा ऐसे लोग हैं जो तरह-तरह के नशे के आदी हो चुके हैं