स्विगी और जोमैटो का कमीशन रेस्टोरेंट्स पर भारी,

नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और फूड डिलीवरी कंपनियां स्विगी और जोमैटो के बीच एक नई टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हाल ही में, जोमैटो ने “बिस्टरो” और स्विगी ने “स्नैक” नाम से 10 मिनट फूड डिलीवरी ऐप लॉन्च किए हैं, जिन्हें एनआरएआई ने रेस्टोरेंट्स के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा माना है। उनका आरोप है कि ये कंपनियां रेस्टोरेंट्स का डेटा इस्तेमाल कर रही हैं और खुद को उनके प्रतिद्वंदी के रूप में स्थापित कर रही हैं।एनआरएआई के प्रेसिडेंट सागर दरयानी का कहना है कि उन्हें क्विक कॉमर्स से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन स्विगी और जोमैटो द्वारा अपने निजी ब्रांड बनाने की प्रक्रिया को गलत बताया है। उनका कहना है कि इन कंपनियों के पास रेस्टोरेंट्स का सारा डेटा और कंज़्यूमर इनसाइट्स हैं, जिसका इस्तेमाल वे अपने फायदे के लिए कर रहे हैं।

इस स्थिति में रेस्टोरेंट्स की कमाई पर दबाव बढ़ रहा है, खासकर जब ये कंपनियां डाइन-इन सेवाएं भी दे रही हैं। इसके अलावा, जेप्टो कैफे, जो भारत का तेजी से बढ़ता यूनिकॉर्न है, भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल है, जिससे रेस्टोरेंट्स और भी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। जेप्टो का लक्ष्य 2026 तक अपने कैफे से 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार करना है।इस पूरे विवाद में रेस्टोरेंट्स को बीच में लाकर खड़ा किया गया है, जिससे उनकी स्थिति और भी कमजोर हो रही है।

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