मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विरासत के संरक्षण के साथ भोपाल के विकास का समुचित नियोजन किया जाए। भोपाल के समृद्ध अतीत को शहर की प्लानिंग का भाग बनाते हुए भोजपुर जाने वाले मार्ग पर राजभोज की स्मृति में तथा उज्जैन की ओर जाने वाले मार्ग पर सम्राट विक्रमादित्य को समर्पित द्वार निर्मित होगा। शीघ्र ही इन दोनों द्वारों के निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन किया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न अंचलों की झलक राजधानी में अभिव्यक्त हो, इस दृष्टि से भोपाल @2047 के विकास के बारे में विचार करना आवश्यक है। इसके साथ ही भोपाल को मेट्रोपॉलिटन एरिया
के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से पश्चिम में आगरा-मुम्बई रोड और विदिशा, रायसेन व सीहोर तक आवागमन का नेटवर्क विकसित करते हुए कार्य योजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने भोपाल को उद्योग-व्यापार के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है। एजुकेशन, मेडिकल, टूरिज्म, इंडस्ट्री आदि के क्षेत्र में गतिविधियों का लगातार विस्तार हो रहा है। भोपाल में आवागमन के लिए सड़क परिवहन के साधनों तथा मैट्रो सुविधा का परस्पर लिंकेज स्थापित करते हुए समग्रता में प्लान क्रियान्वित किया जाए। बहुउद्देशीय उपयोग सुनिश्चित करते हुए परिवहन अधोसंरचना का निर्माण हो। मार्गों की प्लानिंग में जन-प्रतिनिधियों के सुझावों को अवश्य शामिल किया जाए। शहर के नियोजन में सैटेलाइट सर्वे का उपयोग सुनिश्चित करते हुए अवैध बसाहटों के निर्माण पर भी नजर रखी जाए।