अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गोल्ड कार्ड’ प्रोग्राम का ऐलान किया है, जो ग्रीन कार्ड का प्रीमियम संस्करण माना जा रहा है। इस योजना के तहत विदेशियों को अमेरिका में बसने का मौका मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें 5 मिलियन डॉलर (लगभग 43 करोड़ रुपये) खर्च करने होंगे। यह योजना मार्च में शुरू होने की उम्मीद है।ट्रंप का तर्क है कि अमेरिकी कंपनियां इस कार्ड का उपयोग करके प्रतिभाशाली विदेशी छात्रों को नौकरी पर रख सकती हैं, जो मुख्य रूप से भारत, चीन और जापान जैसे देशों से अमेरिका में पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन नागरिकता की कमी के कारण यहां रुक नहीं पाते। ट्रंप का दावा है कि इससे होने वाली आय राष्ट्रीय ऋण चुकाने में मदद करेगी, जिससे अमेरिका की स्थिति मजबूत होगी।वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि यह नया प्रोग्राम मौजूदा EB-5 कार्यक्रम की जगह ले सकता है, जिसमें विदेशी निवेशक और उनके परिवार अमेरिकी व्यवसाय में निवेश करके स्थायी निवास प्राप्त कर सकते हैं।

इस तरह, गोल्ड कार्ड प्रोग्राम एक महंगा, लेकिन संभावित रूप से आकर्षक अवसर है, जो विशेष रूप से कंपनियों के लिए प्रतिभाशाली कार्यबल प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।