समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के हालिया बयानों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में मेवाड़ के शासक राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहा, यह तर्क देते हुए कि बाबर को भारत बुलाने के लिए राणा सांगा जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा कि यदि मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदुओं को राणा सांगा का वंशज माना जाना चाहिए। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राजपूत समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है, इसे हिंदू समाज का अपमान बताते हुए सपा से माफी की मांग की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामजी लाल सुमन के बयान का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि यदि भाजपा नेता इतिहास के पन्ने पलट सकते हैं, तो सुमन ने भी इतिहास के एक पन्ने का उल्लेख किया है। उन्होंने भाजपा पर इतिहास को चुनिंदा ढंग से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा, सपा विधायक अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब को क्रूर या असहिष्णु मानने से इनकार किया और दावा किया कि औरंगजेब ने हिंदुओं के लिए कई मंदिर बनवाए। इस बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, इसे ‘बड़ा पाप’ बताते हुए अबू आजमी से माफी की मांग की और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की बात कही। इन बयानों के चलते सपा को विभिन्न राजनीतिक दलों और समुदायों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति और छवि पर प्रभाव पड़ सकता है।