यूरोपीय प्रतिनिधियों को भारतीय मॉडल से सीखने की सलाह

पश्चिमी देशों की आपत्तियों के बावजूद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाया और जब यूक्रेन में रूसी हमले की निंदा भी नहीं की, तो यूरोपीय देशों की भौंहें तन गई। पश्चिमी देशों की मीडिया में बात बात पर भारत की आलोचना की जाती रही है। पश्चिमी देशों के पत्रकारों ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। लेकिन अब इन्हीं यूरोपीय देशों के लिए भारत का विकास एक रोल मॉडल बन गया है।यह यूरोपीय देशों के मुकाबले ये करीब 5.4% ज्यादा है। भारत ने पिछले एक दशक में करीब करीब 7 प्रतिशत ता औसत विकास दर हासिल किया है। एक समृद्ध भविष्य का सपना लिए भारत का विकास पश्चिमी देशों के जियो- पॉलिटिकल अहंकार को ठेंगा दिखा रहा है।” “यूरोपीय संघ जल्द ही भारतीय विकास का अनुभव नहीं करेगा, न ही भारत जल्द ही यूरोपीय जीवन स्तर तक पहुंच पाएगा, लेकिन भारत में 2017 में GST टैक्स लागू करने से राज्यों के बीच आंतरिक आर्थिक सीमाएं खत्म हो गईं, जिससे एकल बाजार का निर्माण हुआ, जिसके बारे में यूरोप लगातार बात करता रहता है

यूरोपीय देशों के अधीन रहा भारत भले ही कई खामियों से जूझ रहा हो, लेकिन यूरोपीय अधिकारियों को वहां बहुत कुछ दिखेगा, जिससे उन्हें ईर्ष्या होनी चाहिए। लेख में लिखा गया है कि उन बातों से वे सीख सकते हैं। एक समय विभिन्न यूरोपीय उपनिवेशवादियों के अधीन रहा भारत आज के यूरोपीय संघ के लिए एक अप्रत्याशित रोल मॉडल है।

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