
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा गांधी सागर अभयारण्य में दो चीतों के छोड़े जाने पर दी गई बधाई एवं उनके वक्तव्य का विस्तृत विवरण इस प्रकार है:
गांधी सागर अभयारण्य में चीतों का पुनर्वास: एक ऐतिहासिक पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि गांधी सागर अभयारण्य, मंदसौर में दो चीतों का छोड़ा जाना प्रदेश के लिए गर्व और प्रसन्नता का विषय है। यह कदम “चीता प्रोजेक्ट” के तहत उठाया गया है, जो मध्यप्रदेश की एक महत्वाकांक्षी वन्यजीव संरक्षण परियोजना है।
परियोजना की पृष्ठभूमि:
सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और प्रयासों से चीतों को नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क (मध्यप्रदेश) में बसाया गया था।इसका उद्देश्य भारत में चीतों की विलुप्त हो चुकी प्रजाति को पुनः स्थापित करना है।
गांधी सागर अभयारण्य का महत्व:
- यह मध्यप्रदेश का दूसरा स्थल है जहाँ चीतों को छोड़ा गया है (पहला: कूनो नेशनल पार्क)।
- इससे वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
- यह कदम इस ओर संकेत करता है कि चीतों का कुनबा अब बढ़ रहा है, यानी प्रजनन और संरक्षण के प्रयास सफल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री के वक्तव्य के मुख्य बिंदु:
यह दिन वन्यजीव पर्यटन और संरक्षण के लिए ऐतिहासिक है।”चीता प्रोजेक्ट” का लक्ष्य न केवल चीतों की संख्या बढ़ाना है, बल्कि उनके प्राकृतिक आवास को पुनर्जीवित करना भी है।प्रदेश में अब चीतों को बसाने के लिए एक और सुरक्षित स्थल विकसित कर लिया गया है, जो मध्यप्रदेश को वन्यजीव संरक्षण में अग्रणी राज्य बना रहा है।