राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बार फिर औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं और हमें यह तय करना होगा कि हम किन व्यक्तियों को अपना आदर्श मानेंगे।होसबोले ने कहा कि दिल्ली में पहले ‘औरंगजेब रोड’ हुआ करता था, लेकिन उसे बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया, और इसके पीछे ठोस कारण थे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि गंगा-जमुनी तहजीब की वकालत करने वालों ने कभी दारा शिकोह को आगे बढ़ाने की कोशिश क्यों नहीं की, जबकि वे भारतीय संस्कृति और परंपरा के अधिक निकट थे।उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें ऐसे व्यक्तियों को अपना आदर्श नहीं बनाना चाहिए जो भारत की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ थे। उन्होंने इसे धर्म का विषय न मानते हुए यह स्पष्ट किया कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को सुरक्षित रखने से जुड़ा मुद्दा है।

महासचिव ने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप का संघर्ष भी आजादी की लड़ाई थी, और किसी भी “आक्रमणकारी मानसिकता” वाले व्यक्ति या विचार को देश के लिए खतरा बताया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारतीय इतिहास और संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए हमें यह तय करना होगा कि हम किन व्यक्तियों को अपने नायकों के रूप में देखते हैं।