मध्यप्रदेश सरकार ने एक अनूठा सांस्कृतिक कदम उठाते हुए गुड़ी पड़वा को पूरे प्रदेश में नववर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत न केवल पारंपरिक रूप से इंदौर और उज्जैन में मनाए जाने वाले इस पर्व को प्रदेशव्यापी रूप दिया जाएगा, बल्कि इसे भारतीय काल गणना और स्वास्थ्य परंपराओं से भी जोड़ा जा रहा है।

अनूठे पहलू:
- राजकीय नववर्ष की मान्यता – अब तक केवल कुछ क्षेत्रों में प्रचलित इस परंपरा को पूरे मध्यप्रदेश में आधिकारिक रूप से नववर्ष के रूप में मनाया जाएगा।
- स्वास्थ्य जागरूकता – जनता को नीम की पत्तियां खाने के लाभों से अवगत कराकर इसे एक स्वास्थ्य पर्व के रूप में प्रचारित किया जाएगा।
- वैश्विक समय गणना केंद्र – सरकार उज्जैन को पुनः काल गणना का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है, जिससे भारतीय गणना प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले।
- महानाट्य का आयोजन – दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित महानाट्य का आयोजन कर भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक गौरव को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा।
- मंत्रियों की भागीदारी – सरकार के उच्च स्तरीय मंत्रियों को विभिन्न जिलों में भेजकर इस उत्सव को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्देश दिया गया है, जिससे जनता का सीधा जुड़ाव हो।
इस निर्णय के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार ने केवल एक त्योहार को बढ़ावा देने का ही नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास, स्वास्थ्य और विज्ञान को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया है, जो इसे एक अनूठी पहल बनाता है।