
इस खबर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला बेहद दर्दनाक और अमानवीय था। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे देश भर में शोक और आक्रोश का माहौल है।
मुख्य बिंदु:
- स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
- घटना: आतंकी हमला जिसमें 28 लोगों की मौत हुई
- सरकारी कार्रवाई:
- भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
- पाकिस्तानी राजदूत को तलब किया गया और कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।
- वीडियो सबूत:
- एक वीडियो सामने आया है जिसमें आतंकियों की क्रूरता दिखाई गई है।
- वीडियो में दिख रहा है कि कैसे लोगों को लाइन में बैठाकर बेरहमी से गोली मारी गई।
भावनात्मक असर:
यह घटना केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं है, बल्कि मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध है। देश भर में शोक, गुस्सा और एकजुटता का माहौल है।
भारत सरकार की प्रमुख कार्रवाइयाँ:
- इंडस जल संधि का निलंबन: भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई इंडस जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन से स्पष्ट रूप से पीछे नहीं हटता।
- वाघा-अटारी सीमा बंद: भारत ने पाकिस्तान के साथ एकमात्र सड़क सीमा वाघा-अटारी को बंद कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार और लोगों के आवागमन पर प्रभाव पड़ा
- राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने इस्लामाबाद से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया है और पाकिस्तान के रक्षा सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान के साथ राजनयिक स्टाफ की संख्या में भी कटौती की गई है
- SAARC वीजा छूट योजना का निलंबन: भारत ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तान के नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है।
- प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की प्रतिक्रियाएँ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “नृशंस” करार देते हुए दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि वह आतंकवाद पर लगाम लगाने में असमर्थ है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की है और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया है।