
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी देशों के लिए टैरिफ (शुल्क) में 90 दिन की मोहलत दी है, जबकि चीन से आने वाले सामान पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया गया है। इससे चीन से अमेरिका आने वाला इलेक्ट्रॉनिक्स सामान महंगा हो जाएगा। चीन, अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इस टैरिफ बढ़ोतरी से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को फायदा मिल सकता है, क्योंकि अमेरिका की कंपनियां चीन के बजाय भारत में निवेश करने पर विचार कर सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस 90 दिन की छूट का लाभ उठाकर विदेशी कंपनियों को आकर्षित करना चाहिए। सरकार को ऐसी कंपनियों को भारत में कारोबार स्थापित करने में मदद करनी चाहिए, जिससे छोटी व मझोली कंपनियों को भी लाभ हो सके। चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध भारत के लिए एक रणनीतिक अवसर बन सकता है।
लम्बे समय वाला समाधान देना: अधिकारी का यह कहना कि भारत को अमेरिका को एक “अच्छा और लम्बे समय तक चलने वाला समाधान” देना चाहिए, यह दिखाता है कि भारत केवल तात्कालिक प्रतिक्रिया देने के बजाय रणनीतिक सोच अपना रहा है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक सहयोग और स्थिरता बनाना है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां दोनों देशों को आपसी लाभ हो सकता है — जैसे मैन्युफैक्चरिंग।ICEA की प्रतिक्रिया: इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की संस्था ICEA ने भारत सरकार की समझदारी की तारीफ की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका द्वारा टैक्स लगाने के फैसले पर भारत ने बिना जल्दबाजी के सोच-समझकर प्रतिक्रिया दी, जिससे दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते खुले रहे।