बलूचिस्तान के सुनसान और पहाड़ी इलाके बोलन को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा जाफर एक्सप्रेस को अगवा करने की घटना ने वैश्विक स्तर पर सनसनी फैला दी। यह ट्रेन क्वेटा से पेशावर की ओर जा रही थी, जिसमें लगभग 440 यात्री सवार थे। आतंकियों ने सिबी शहर के पास विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ट्रेन को रोका और फिर उसे बंधक बना लिया।इस हमले में पाकिस्तानी सेना के अनुसार, 18 सैन्य और अर्धसैनिक जवान, तीन रेलवे कर्मचारी और पांच यात्री मारे गए, जबकि फ्रंटियर कोर के पांच जवान भी आतंकियों से मुठभेड़ में मारे गए। हालांकि, BLA ने दावा किया कि उसने 214 बंधकों को मार डाला है और अभी भी कई पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बनाए हुए है। पाकिस्तान ने इस दावे को खारिज किया है।इस घटना ने न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बलूचिस्तान में दशकों से जारी विद्रोह और असंतोष को भी उजागर किया है।

बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमले में यात्रियों को उनके आईडी कार्ड की जांच के बाद मारा गया, खासतौर पर पंजाब प्रांत के लोगों को गोली मार दी गई, जबकि बलूच लोगों, महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया गया। BLA ने 214 लोगों को मारने का दावा किया, लेकिन इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा और खनिज संपदा से समृद्ध प्रांत है, जबरदस्ती पाकिस्तान में मिलाया गया था, और बलूच लोग इसकी आज़ादी चाहते हैं। यह पाकिस्तान का 43.6% क्षेत्रफल कवर करता है, लेकिन इसकी कुल आबादी का केवल 3.6% हिस्सा है।