प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा की संभावना,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च 2025 को महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे, जहाँ वे नागपुर में माधव नेत्रालय की नई इमारत का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे, और प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला अवसर होगा जब मोदी और भागवत एक साथ मंच साझा करेंगे। सके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी गुड़ी पड़वा के अवसर पर नागपुर के रेशमबाग स्थित डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो वे नागपुर स्थित संघ मुख्यालय का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) से कुछ दिन पूर्व हो रहा है, जिससे संघ और भाजपा के बीच समन्वय के संदर्भ में यह महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर विभिन्न नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर जैसे वरिष्ठ नेताओं के अलावा दक्षिण भारत से दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, वनती श्रीनिवासन, जी. किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार और प्रल्हाद जोशी के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं。 सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार दक्षिण भारत से किसी नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर रही है, ताकि उस क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत हो सके। दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, जो आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष हैं और ‘दक्षिण की सुषमा स्वराज’ के रूप में जानी जाती हैं, इस दौड़ में आगे मानी जा रही हैं। इसके अलावा, तमिलनाडु की विधायक और बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनती श्रीनिवासन का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल है। तेलंगाना के जी. किशन रेड्डी, जो केंद्रीय कोयला मंत्री हैं, और बंडी संजय कुमार, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। कर्नाटक से प्रल्हाद जोशी, जो संसदीय कार्यों में विशेषज्ञता रखते हैं, का नाम भी संभावित उम्मीदवारों में गिना जा रहा है।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम भी चर्चा में हैं, हालांकि उनकी उम्र और क्षेत्रीय संतुलन जैसे कारक चयन में भूमिका निभा सकते हैं।पार्टी के नए अध्यक्ष की घोषणा मार्च के मध्य तक होने की संभावना है, जिससे संगठनात्मक चुनावों के बाद केंद्र और राज्यों में संभावित बदलाव देखे जा सकते हैं।

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