रविवार सुबह राजधानी के तलैया थाना क्षेत्र में खौफनाक मंजर देखने को मिला। दिन के उजाले में, सड़क के बीचों-बीच, आधा दर्जन वहशी दरिंदों ने एक युवक को मौत के अंधेरे में धकेल दिया। यह कोई साधारण हत्या नहीं थी, बल्कि वहशीपन की हदें पार कर देने वाला खूनी तांडव था।बदमाशों ने पहले युवक का गला रेता, फिर उसके दोनों हाथों की कलाइयां काट डालीं, और नृशंसता की पराकाष्ठा तब हुई जब उसके सीने में चाकू उतार दिया गया। उनकी वहशियत तब तक शांत नहीं हुई, जब तक उन्होंने यह सुनिश्चित नहीं कर लिया कि युवक की सांसें थम चुकी हैं। इस बर्बरता के बावजूद उनके चेहरे पर डर का कोई निशान नहीं था—शायद इसलिए कि यह पूरी वारदात तलैया थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर अंजाम दी गई थी

।हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और किसी महिला से जुड़ा विवाद बताया जा रहा है। खास बात यह है कि जिस युवक का रक्त इस सड़क पर बहा, उसके बड़े भाई का खून भी इसी शहर की हवाओं में घुल चुका था—करीब डेढ़ साल पहले। पुलिस इस संभावना को भी खंगाल रही है कि कहीं यह हत्या उस पुराने हत्याकांड में समझौते और गवाही से जुड़ी कड़ियों का नतीजा तो नहीं।