दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीसीटीवी परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोप है कि जैन ने 571 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। यह मामला सितंबर 2019 में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के एक कर्मचारी की शिकायत के बाद सामने आया, जिसने आरोप लगाया कि बीईएल ने अपने विक्रेताओं के माध्यम से जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसके बाद एसीबी ने जांच शुरू की और गुप्त स्रोतों से पुष्ट साक्ष्य जुटाए, जिससे जैन के खिलाफ मामला मजबूत हुआ।

आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को भाजपा की साजिश करार दिया है। पार्टी का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में आप नेताओं पर 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन आज तक भ्रष्टाचार का एक भी रुपया बरामद नहीं हुआ है। आप ने इस मामले को भी फर्जी करार दिया है और आरोप लगाया है कि भाजपा दिल्ली सरकार को पंगु बनाना चाहती है। वर्तमान में, सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में मई 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने फरवरी 2023 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस नए मामले में, एलजी वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत जांच की सिफारिश को मंजूरी दी है, जिससे एसीबी को जैन के खिलाफ जांच करने की अनुमति मिल गई है।