
वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप और वलोडिमीर जेलेंस्की के बीच की बैठक एक महत्वपूर्ण क्षण थी, जिसमें दोनों नेताओं के बीच तनाव और विचारों की टकराहट स्पष्ट थी। जैसे ही बैठक शुरू हुई, जेलेंस्की ने अमेरिका से अपेक्षा की कि वह यूक्रेन को रूस के दबाव से बचाने में मदद करेगा। लेकिन ट्रंप की स्पष्ट राय थी कि युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन को समझौता करने की आवश्यकता होगी, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।बैठक के दौरान, ट्रंप ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि यूक्रेन को उन क्षेत्रों को छोड़ने के लिए तैयार होना पड़ेगा, जिन पर रूस ने कब्जा कर लिया है। इस पर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया तीखी थी, जिससे बहस तेज हो गई। उपस्थित अन्य अधिकारियों, जैसे उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन दोनों नेताओं के बीच का तनाव लगातार बढ़ता गया।
इस बहसबाजी ने सभी को चौंका दिया, खासकर जब दुनियाभर की नजरें इस बैठक पर थीं। बैठक के अंत में, यूक्रेन के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी रही, और यह स्पष्ट था कि बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला। दोनों नेताओं के बीच की यह जुबानी जंग वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ ले सकती थी।