डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम आयात पर फिर से टैरिफ लगाने का निर्णय वैश्विक व्यापार पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इस कदम के तहत, अमेरिका में आने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25% टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा, नट, बोल्ट, बुलडोजर ब्लेड और सोडा कैन जैसे उत्पादों पर भी अतिरिक्त कर बढ़ा दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम उत्पादकों को सस्ते आयात से बचाना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।इस फैसले का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ेगा, खासकर उन निर्यातकों पर जो अमेरिकी बाजार में स्टील और एल्युमीनियम उत्पाद भेजते हैं। बढ़े हुए टैरिफ के कारण उनके उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता घटेगी।टैक्स की समयसीमा से पहले इस फैसले ने व्यापारिक माहौल में तनाव बढ़ा दिया था। ]

ट्रंप ने पहले कनाडा से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर टैक्स को 50% तक बढ़ाने की धमकी दी थी, लेकिन बाद में इससे पीछे हट गए। कनाडा के ओंटारियो प्रांत ने अमेरिका को बिजली निर्यात पर 25% सरचार्ज हटाने की सहमति दी, जो तब तक जारी रहेगी जब तक अमेरिका अपने पुराने टैक्स हटा नहीं लेता।यह निर्णय वैश्विक व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नई चुनौतियाँ खड़ी कर सकता है।