यह मामला राजस्थान के बूंदी जिले का है, जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में अनियमितताओं के चलते 12वीं कक्षा के एक छात्र को वार्षिक परीक्षा से वंचित कर दिया गया। विशाल सैनी, जो कि बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का छात्र है, ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा दी थी, लेकिन उसे वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिली। इस फैसले से नाराज होकर छात्र ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया—वह “मुर्गा” बनकर अपने भविष्य की रक्षा की गुहार लगाने लगा।छात्र ने अपने पिता देवराज सैनी के साथ राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा से मदद मांगी। इसके बाद वे जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) ओमप्रकाश गोस्वामी से मिले और इस अन्याय पर कड़ा विरोध जताया। शर्मा ने शिक्षा विभाग से छात्र को परीक्षा देने की अनुमति देने की मांग की, जबकि छात्र के पिता ने हाथ जोड़कर अधिकारियों से बेटे के भविष्य को सुरक्षित करने की अपील की।यह मामला शिक्षा प्रणाली में हो रही अनियमितताओं और छात्रों के भविष्य को लेकर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, जिससे छात्रों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ रहा है।