किसान सबसे बडा संत ,महात्मा हैं। और जो तथाकथित बाबाओ, पंडाओ, पंडितो को संत महात्मा भारत देश में माना जाता हैं। किसान के सामने ये बाबा, पंडा, पंडित कुछ भी नहीं हैं। धरती के अनेको जीव-जन्तु की तरह इनको भी किसान भोजन रोटी देकर पेट भरता हैं। किसान धूप, ठंड, वर्षा, कीचड़, आदि सहन करता हैं तपता हैं। तब अनाज उत्पादन करता हैं। बताइये इससे बडा संत महात्मा कौन हैं। सरकार तथाकथित बाबाओ, पंडाओ,पडितो को मानदेय देने की व्यवस्था करती हैं। किसान द्वारा उत्पन्न किया गया अनाज से ये बाबा, पंडित पेट भरके, एसी, कूलर का आनन्द लेकर ज्ञानी बघारता हैं। वास्तविक संत ,महात्मा किसान हैं उसे सरकार द्वारा वास्तविक हक से किनारा करती हैं।

भारत देश की अर्थव्यवस्था की रीढ हड्डी कृषि हैं। जिसमें किसान का कर्म योगदान पसीना हैं। और ये तथाकथित संत, बाबा, पंडित द्वारा कौन सी अर्थव्यवस्था खडी किया जाता हैं। इनका काम किसानों को ही लूटना हैं। संभवत यह काम सरकार के संरक्षण मे हो रहा हैं। सामाजिक चिंतक।
राहुल मडावी