बिहार के किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचनाएं दी गई हैं, जिसमें कृषि फीडरों से बिजली कनेक्शन की उपलब्धता का उल्लेख है। यहां कुछ प्रमुख बिंदु हैं:कृषि फीडर की स्थिति: प्रदेश में कुल 3000 कृषि फीडर की आवश्यकता है, जिनमें से 2500 फीडर तैयार हो चुके हैं। जून तक सभी 3000 फीडर तैयार हो जाएंगे।किसानों की संख्या: लगभग 2.85 लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने कृषि फीडर से कनेक्शन के लिए आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक उन्हें कनेक्शन नहीं मिला है। वहीं, 5.55 लाख किसानों को कनेक्शन मिल चुका है।बिजली की उपलब्धता: सरकार ने 1150 मेगावाट बिजली किसानों के लिए सिंचाई कार्य हेतु उपलब्ध कराई है। यह बिजली थर्मल पावर प्लांट से 6.74 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाती है, लेकिन किसानों को केवल 55 पैसे प्रति यूनिट पर दी जाती है।

इस पर सरकार सालाना 3970 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान करती है।सौर ऊर्जा का महत्व: ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सौर ऊर्जा के माध्यम से कृषि फीडरों को बिजली उपलब्ध कराने के फायदों का जिक्र किया। सौर ऊर्जा से किसानों को निर्बाध बिजली मिलने में मदद मिलेगी और यह डीजल से 10 गुना सस्ती होगी।कृषि फीडरों का सोलराइजेशन: मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि सोलराइजेशन से सुखाड़ जैसी परिस्थितियों का सामना करना आसान होगा, जिससे किसानों को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी।